अपेंडिक्स (Appendix) : लक्षण, इलाज एंव घरेलु उपाय

Written by Oye Zindagi Team

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क्या आप अपेंडिक्स के लक्षण या इसके उपचार की जानकारी जानना चाहते हैं? जानिए इसका आयुर्वेदिक या देसी घरेलू इलाज (Appendix Treatment in Hindi) और इसके लक्षण (Appendix Symptoms in Hindi) ताकि सही समय पर उपचार किया जा सके।

अपेंडिक्स किसे कहते है?

Appendix दाहिने तरफ 2 से 4 इंच का एक हिस्सा होता है। इसके लक्षण यानी संकेत और उपचार यानी इलाज अब आप घरेलू उपाय अपनाकर ठीक कर सकते हैं। यह बॉडी में सेलुलोज़ को पचाने का काम करती है। इसी Appendix में जब किसी तरह का संक्रमण हो जाता है, तो उसके कारण उसमें सूजन हो जाती है जिसे अपेंडिसाइटिस कहते हैं।

रिसर्च के मुताबिक डॉक्टर्स को पता चला है कि शरीर को निरोग बनाए रखने के लिए शरीर में Appendix का होना जरूरी होता है। लंबे समय तक कब्ज़ रहना, आंतों की बीमारी आदि के कारण Appendix की नाली में रुकावट आ जाती है, जिसके कारण लोग इसका शिकार हो जाते हैं।

अपेंडिक्स के लक्षण / Appendix Symptoms in Hindi

अगर इनिशियल स्टेज में ही ध्यान दिया जाए तो अपेंडिक्स के लक्षण को पहचाना जा सकता है और सभी देखभाल और उपचार करके Appendix से छुटकारा पाया जा सकता है। तो चलिए जानते हैं वो कौन-कौन से कॉमन सिम्पटम्स हैं इसके:

नाभि के आसपास तेज दर्द – इसका सबसे पहला लक्षण होता है पेट के दाहिने तरफ में दर्द होना। ये दर्द पेट के नाभि (नेवल) के नीचे या फिर उसके आगे भी होती है। Appendix वाले स्थान पर छूने से भी रोगी को तेज दर्द होता है। जब ये दर्द बहुत ज्यादा बढ़ जाता है, तो ऑपरेशन करवाना जरूरी हो जाता है। अतः ऐसे लक्षण दिखते ही डॉक्टर से चेकअप करवा लेना चाहिए।

जी मचलाना और उल्टी आना – इसका तीसरा लक्षण होता है मतली आना। इससे पीड़ित मरीज को पेट में दर्द के साथ-साथ मतली यानी उल्टी भी होने लगती है। मरीज को कभी-कभी अचानक मन मिचलाने की भी समस्या होती है। इसलिए जैसे ही ये लक्षण सामने आए, डॉक्टर से जरूर संपर्क करें।

भूख कम लगना – इसके मरीज को भुख भी कम लगने लगती है । इसके मरीज को पेट दर्द होता रहता है जिसके वजह से कुछ भी खाने को जी नहीं करता है । भुख कम लगना भी इसका ही एक क्लू हो सकता है ।

जुलाब होना (लूज मोशन) – इसका चौथा लक्षण होता है जुलाब होना। इससे पीड़ित मरीज को कुछ भी खाना पचना मुश्किल होता है, जिसके कारण उन्हें बार-बार जुलाब हो जाता है। इस तरह के लूज मोशन के लक्षण को अनदेखा न करें और तत्परता से किसी डॉक्टर की सलाह लें।

बुखार होना – जब पेट में संक्रमण बहुत ज्यादा बढ़ जाता है, तो बहुतों को पेट दर्द के साथ बुखार भी आने लगता है जो इसका लक्षण हो सकता है। पेट दर्द के साथ बुखार आने पर तत्परता से डॉक्टर से मिलना चाहिए।

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अपेंडिक्स का इलाज / Appendix Treatment in Hindi

अगर आप Appendix के लिए आयुर्वेदिक या देसी घरेलू इलाज खोज रहे हैं, तो नीचे दिए गए उपाय से आप इसका आरंभिक स्टेज पर उपचार कर सकते हैं। ध्यान रहें कि आपने डॉक्टर से सलाह लेना न भूलें।

वैसे तो appendix का इलाज ऑपरेशन ही होता है, फिर भी अगर आप चाहें तो इसका उपचार घर पर भी कर सकते हैं। अगर शुरुआती में ही इसके लक्षण समझ में आ जाएं तो आप कुछ घरेलू उपचार से भी इस बीमारी को ठीक कर सकते हैं। तो चलिए जानते हैं किन-किन घरेलू उपचार से हम इसे ठीक कर सकते हैं।

अपेंडिक्स का घरेलू इलाज / Appendix home remedies in Hindi 

अपेंडिक्स का इलाज घरेलु नुस्खों के द्वारा भी किया जा सकता है, इसलिए अगर आप इस बीमारी से पीड़ित है तो आप नीचे बताएं गए तरीको को आजमा सकते है, लेकिन ध्यान रहे पहले आपको अपने डॉक्टर से सलाह लेना अनिवार्य है :

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तुलसी – रोगी को अगर हल्का बुखार आता है तो उसे तुलसी से ठीक किया जा सकता है। आधा गिलास पानी में 10-15 तुलसी के पत्ते और एक चम्मच कटी हुई अदरक को डालकर उसे 10 से 15 मिनट तक उबालें और फिर उसे छानकर दिन में 2 बार चाय की तरह पिएं। इससे रोगी को बुखार में राहत मिलती है।

अदरक (ginger) – मरीज को अदरक का सेवन से पेट का दर्द और सूजन (swelling) में राहत मिलती है। आधा गिलास पानी में 1 चम्मच अदरक को कुचल कर उसे 10 मिनट तक उबालें। अब अदरक से बनी इस चाय को मरीज को दिन में कम से कम 2 और 3 बार पीएं।

मेथी दाना – आधा गिलास पानी में 2 चम्मच मेथी के दाने मिलाकर उसे 15 मिनट तक उबालें। अब इसे छानकर दिन में कम से कम 1 बार पीएं। इससे पेट के दर्द और सूजन में राहत मिलेगी।

एलोवेरा जेल (Aloe Vera Gel) – मरीज को एलोवेरा का उपयोग करना चाहिए। यह पाचन प्रणाली को सुधारता है और पौष्टिकता प्रदान करता है, साथ हीं कब्ज से राहत दिलाता है, जो कि इस बीमारी का मुख्य कारण होता है।

पुदीना (mint) – आधा गिलास पानी में 1 चम्मच ताजा पुदीने की पत्ती मिलाकर उसे 5 से 10 मिनट तक उबालें, फिर उसे छानकर 1 चम्मच शहद के साथ मिलाकर पीएं। हफ्ते में 3 से 4 बार इसे पीने से मरीज को राहत मिलेगी।

दूध (milk) – दूध को उबालकर ठंडा करके पीने से भी मरीज को फायदा होगा।

Appendix में क्या खाना चाहिए और क्या नहीं खाना चाहिए, इसके बारे में डॉक्टर से परामर्श करना चाहिए।

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