अस्थमा (Asthma) एक जटिल बीमारी है जिसका treatment और ilaj समय पर करना जरूरी है। अस्थमा होने पर पीड़ित को सांस लेने में दिक्कत होती है। Asthma किसी भी उम्र के लोगों को हो सकता है, चाहे वो 2 साल का बच्चा हो या 30 साल का वयस्क।
दमे (Dame) होने पर सांस के नलिकाएं सिकुड़ जाती हैं जिससे सांस लेने में काफी दिक्कत होती है। अगर वक्त रहते Asthma symptoms को पहचान लिया जाये तो इसका treatment और रोकथाम किया जा सकता है। एक अनुमान के मुताबिक करीब 8 करोड़ भारतीय और 2.5 करोड़ अमेरिकन अस्थमा से परेशान है।
अस्थमा क्या है?
अस्थमा (Asthma) , जिसे ब्रोंकियल अस्थमा या दमा के नाम से भी जाना जाता है, यह एक ऐसी बीमारी है जो रोगी के फेफड़ों को प्रभावित करती है।
अस्थमा (Asthma) एक ऐसी बीमारी है जो फेफड़ों के एयरवेज से जुड़ी सूजन के कारण होती है। अस्थमा में व्यक्ति को सांस लेने में दिक्कत होती है जिससे उन्हें शारीरिक गतिविधि करने में भी परेशानी का सामना करना पड़ता है। यह बीमारी आमतौर पर बच्चों और वयस्कों दोनों में पायी जाती है। अस्थमा के रोगी को साधारण रफ्तार से चलने-फिरने में भी दिक्कत का सामना करना होता है।
वर्तमान में अमेरिका में अस्थमा (Asthma) से अधिकतर 25 मिलियन लोग प्रभावित होते हैं। इस तारीख के अनुसार, इसमें 5 मिलियन से अधिक बच्चे शामिल हैं। अस्थमा जीवनघातक हो सकता है यदि आप उपचार नहीं करते हैं।
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अस्थमा अटैक क्या होता है?
जब भी हम सामान्य तरीक़े से सांस लेते है, तब नलिकाओं के चारों ओर की मांसपेशियां शांत रहती हैं, लेकिन अस्थमा अटैक के दौरान तीन जीचे होती है, जो इस प्रकार है
ब्रोंकोस्पैज्म (Bronchospasm) : सर्वप्रथम अटैक के दौरान हवा की नलिकाओं के चारों ओर की मांसपेशियां रुक जाती हैं जिससे आपको सांस लेना मुश्किल हो जाता है।
शोथ (Inflammation) : फिर आपकी हवा की नलिकाओं की लाइनिंग सूज जाती है, जिसके कारण फेफड़ों में से ज्यादा हवा नहीं निकल पाती है और सांस लेने में तकलीफ होती है।
मल का उत्पादन (Mucus production) : अस्थमा अटैक के दौरान, आमतौर पर ये देखा गया है कि आपका शरीर अधिक मल उत्पन्न करता है और ये मल हवा की नलिकाओं को बंद कर देता है।
अस्थमा के प्रकार
अस्थमा बीमारी को विभिन्न कारण और लक्षणों की गंभीरता के आधार पर विभिन्न वर्गों में विभाजित किया गया है, जिसके बारे में विस्तार से जानकारी नीचे दी गयी है:
अंतरालवार (Intermittent) : यह एक अस्थमा (Asthma) है जो मनुष्य में आता जाता रहता हैं और इस बीच मनुष्य सामान्य महसूस करते हैं।
दीर्घकालिक (Persistent) : दीर्घकालिक अस्थमा (Asthma) में आप बहुत समय तक इसके लक्षणों का सामना करते रहते हैं। इस अस्थमा के दौरान लक्षण मामूली, मध्यम या गंभीर भी हो सकते हैं। आपका डॉक्टर आपकी जांच के दौरान अस्थमा की गंभीरता का पता लगाता है और उसके अनुसार इलाज की सलाह देता है।
अस्थमा विभिन्न कारणों से हो सकता है:
एलर्जी: कुछ लोगों को एलर्जी के कारण भी अस्थमा (Asthma) का अटैक आ सकता है, इसलिए अगर आपको अस्थमा की समस्या है तो ऐसी जीचे से दूसर रहे जिनसे एलर्जी होने का खतरा रहता है।
गैर-एलर्जिक: कुछ बाहरी कारक भी अस्थमा को बढ़ावा दे सकते हैं जैसे व्यायाम करना, तनाव, अन्य बीमारी और मौसम भी ए एक्सासरबेशन का कारण बन सकता हैं।
अस्थमा निम्न तरीकों से भी हो सकता है:
वयस्क: यह अस्थमा आमतौर पर 18 साल से ऊपर के लोगो में होता है।
बचपन (Pediatric): बचपन के अस्थमा (Asthma) को 5 साल से पहले ही शुरू होते देखा गया है साथ ही ये शिशु और बाल बच्चों में भी हो सकता है। अगर आपके बच्चे में अस्थमा के लक्षण दिखाएं दे रहे है तो आपको यह निश्चित करना चाहिए कि आप अपने डॉक्टर से इसके बारे में चर्चा करें।
इन सब के अलावा, इस तरह के अस्थमा भी होते हैं:
व्यायाम से उत्पन्न अस्थमा: व्यायाम के दौरान भी अस्थमा उत्पन्न हो सकता है और यह व्यायाम से उत्पन्न अस्थमा (Asthma) को ब्रोंकोस्पैस्म के रूप में जाना जाता है।
व्यावसायिक अस्थमा: व्यावसायिक अस्थमा अक्सर ऐसे लोगो को होता है जो कष्टदायक पदार्थों के आसपास काम करते है जिनके प्रभाव से ये अस्थमा उत्पन्न होता है।
अस्थमा-COPD ओवरलैप सिंड्रोम (ACOS): इस तरह तब पैदा होती है जब एक मनुष्य में अस्थमा और क्रोनिक ऑबस्ट्रक्टिव पुल्मोनरी रोग (COPD) दोनों ही होते हैं। ये दोनों ही बीमारियाँ मनुष्य में सांस लेने में कठिनाई पैदा करती हैं।
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अस्थमा क्यों होता है?
अस्थमा (Asthma) कुछ वस्तुओं के संपर्क में आने से उत्पन्न हो सकता है, इसलिए आपको यह जानना बहुत जरूरी है कि किन जीचों की बजह से अस्थमा या दमा की समस्या उत्पन्न हो सकती है। हालंकि कुछ लोगों के लिए, इन जीचों के सम्पर्क में आने पर ट्रिगर तुरंत ही अटैक हो सकता हैं और कुछ लोगों के लिए, अस्थमा अटैक कुछ घंटों या दिनों के बाद शुरू हो सकता है।
हर व्यक्ति के लिए अस्थमा (Asthma) के ट्रिगर अलग-अलग हो सकते हैं। लेकिन कुछ सामान्य ट्रिगर नीचे दिए गए है, जिन्हे आपको ध्यान में रखना है :
वायु प्रदूषण: वायु प्रदूषण जैसे फैक्ट्री एमीशन, कार का एग्जॉस्ट, आग एंव धुआं जैसी जीचे अस्थमा अटैक का कारण बन सकती हैं।
धूल के कीट: आप धूल में उड़ रहे कीटों को नहीं देख सकते है, लेकिन वह हमारे आसपास एंव घरों में रहते हैं। यदि किसी व्यक्ति को धूल के कीटों से एलर्जी है, तो यह अस्थमा (Asthma) अटैक का कारण बन सकता है।
पालतू जानवर: आपके घर के पालतू जानवर भी अस्थमा (Asthma) अटैक का कारण बन सकते हैं। इसलिए अगर आपको पालतू जानवरों से एलर्जी है तो आपको जानवरों से दूर रहना चाहिए।
व्यायाम: कुछ लोगों के लिए, व्यायाम भी अस्थमा (Asthma) अटैक का कारण बन सकता है।
कीट: चूहे, कॉकरोच और अन्य घरेलू कीट भी अस्थमा (Asthma) अटैक का कारण बन सकते हैं।
कीटनाशक: विभिन्न कीटनाशक और उनसे बने रहने वाले धुएं की बजह से भी अस्थमा अटैक हो सकता हैं।
धूम्रपान: यदि आप या आपके घर में कोई अन्य व्यक्ति धूम्रपान करता है, तो आपमें अस्थमा होने की संभावना बढ़ जाती है। आपको कभी भी गाड़ी या बंद कमरों में धूम्रपान नहीं करना चाहिए, बल्कि सबसे अच्छा समाधान यह है कि धूम्रपान ही न करे। इसके अलावा अपने स्वास्थ्य संबंधी सहायता के लिए अपने डॉक्टर की मदद ले।
शक्तिशाली रसायन या बदबू: कुछ लोगों में ये विषाक्त रसायन पदार्थ अस्थमा अटैक का कारण बन सकते हैं।
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Asthma ke Lakshan / अस्थमा के लक्षण
- सांस लेने में दिक्कत महसूस होना।
- सांस लेने समय chest पर जोड़ पड़ना
- Cough और बलगम होना
- रात में सोने के समय असहज महसूस होना
- थोड़ा भी physical work करने से सांस फूल जाना
- थोड़े से dust या smoke होने से सांस लेने में दिक्कत होना
अस्थमा का घरेलु इलाज
तो दोस्तों चलिए जानते है asthma treatment in Hindi ताकि आप इस बीमारी से बच सकें, जैसे की आपको पहले ही बोला, अस्थमा को कोई permanent ilaj तो नहीं है परन्तु घर पर इसके रोकथाम का इलाज किया जा सकता है।
तो आइये जानते है क्या और कौन से home remedies se Asthma/dama ka ilaj ho sakta hai:
शहद: एक अचूक घरेलु medicine है जिसे आप अस्थमा पीड़ित को दे सकते है। अगर आप बार बार होने वाली दमा की शिकायत से परेशान है तो गरम पानी और शहद को मिला कर उसका भापले, इससे तुरंत राहत मिलेगी|Honey में पाई जाने वाली anti-bacterial बलगम से लड़ने में मदद करती है।
Cloves: जिसे लौंग भी बोलते है, इसका बड़ा ही लाभकारी उपयोग है। 5 लौंग को ले कर, एक cup पानी में 10 minute तक गरम (boil) करे और ठंडा होने पर एक चम्मच शहद के साथ सोने से पहले daily खाया करे।
अदरक: जिसे Ginger भी बोला जाता है उसके औसधीय उपयोग हैं। एक अदरक के टुकड़े को ले कर उससे रस को निचोड़ ले और उसके रस को एक चम्मच के साथ दिन में 2 बार खाया करे| इस प्रक्रिया को कम से कम 1 month तक चालू रखे ताकि आपको अंतर मालूम चल सके।
सरसों के तेल (Mustard oil) को ले कर उसमे कपूर मिला कर छाती (chest) के ऊपर मालिश करें मालिश करने से पहले यह सुनिश्चित करें ले कि आप मालिश करने से पहले तेल को हल्का गर्म करें ताकि आपके छाती को गर्मी महसूस हो और जल्दी से राहत मिल जाए। इस प्रक्रिया को रात में सोने से पहले करे ताकि ज्यादा असर करे।
मछली (Fish) खाना शुरू करें। खास कर salmon मछली और टूना मच्छली अस्थमा की समस्या का इलाज करने में प्रभावी हो सकता है। मछली फेफड़े को अस्थमा के समस्या से लड़ने और प्रभावी ढंग से मजबूत बनाता हैं। हालांकि, अगर आप इन मछलियों को पका कर नहीं खा सकते, तो आप इनके तेलों को विकल्प रूप में चुन सकते हैं।
Green Tea या Herbal tea लेना शुरू करें और इसे daily कम से कम 2 बार गरम गरम पिया करे| इसे अपनी आदत में दाल लें, क्योंकि इसमें पाई जाने वाले तत्व दमा को मिटाने में सहायक होती हैं।
हल्दी-रात में सोने से पहले एक गिलास गर्म दूध में हल्दी और सूद्ध घी (pure ghee) को मिला कर पीना चाहिए। यह एक ऐसा | पेय पदार्थ है जो जमे हुए बलगम को शरीर से बाहर निकालने में मदद करता है।
Inhalers-Doctor से परामर्श पर Inhalers का भी उपयोग किया जा सकता है जो की दमे से तुरत आराम देती है। इस in| haler का इस्तेमाल करके हम दमा को control कर सकते हैं।
Keep Home clean: घर के वातावरण को हवादार और साफ़ सुथरा रखे| अपने घरों में किसी तरह के dust को जमने न दे, इसके लिए आप घर की सफाई हरदो से दिन के अंतराल में आवश्य करे घर में fresh environment को बनाये रखने के लिए घरों की खिडकियों को खोल कर रखे।
Gooseberries (Amla): अवाला एक बहुगुनी फल है, यह फल कई तरह के रोगों को दूर करता है| अवाला अस्थमा के लिए अच्छा होता है। कुछ अवाले को Crush करके इसे honey के साथ खाने से अस्थमा से जल्द छुटकारा मिल सकता है।
प्याज: प्याज को anti-inflammatory properties के लिए जाना जाता है, और ये हमारे हवाई मार्ग को साफ करने में सहायक साबित होते हैं। इसलिए, यदि आप अस्थमा से पीड़ित हैं, तो आपको प्याज का अधिक सेवन करना चाहिए, इसे कच्चे सलाद के रूप में या सब्जियों में पका कर इसका सेवन करे।
नोट: अस्थमा बढ़ने पर कृपया अपने डॉक्टर से सलाह लें।
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