Malaria

मलेरिया (Malaria) : कारण, लक्षण, इलाज एंव बचने के उपाय

Author: Oye Zindagi Team

Updated On :

विश्व स्वास्थ्य संगठन के अनुसार, 2013 में लगभग 19 करोड़ 80 लाख से भी ज़्यादा लोगों को मलेरिया संक्रमण हुआ था और मलेरिया संक्रमण ने लगभग 5 लाख 84 हज़ार लोगों को मौत के घाट उतार दिया। इन सभी आकड़ो में लगभग 80 प्रतिशत बच्चे थे, जिनकी उम्र मात्र 5 साल या इससे कम थी।

पूरी दुनिया में लगभग 100  से ज़्यादा देशों में मलेरिया का संक्रमण फैला हुआ है और लगभग 320 करोड़ लोगों को मलेरिया होने का खतरा है। वैज्ञानिकों की बहुत कोशिशों के बाद भी Malaria संक्रमण को रोक पाना अभी असम्‍भव हैं। क्‍योंकि Malaria संक्रमण को फैलने में मदद करने वाले जीवाणु एनोफिलिस मच्‍छर में पाये जाते हैं और एनोफिलिस मच्‍छर एक प्रकार से जीवाणुओं के संवाहक के रूप में काम करता है। 

मलेरिया के सही उपचार के लिए इसे समझना जरूरी है इसलिए आज इस लेख में हम जानेंगे कि मलेरिया किसे कहते है (Malaria in Hindi), मलेरिया के लक्षण (Malaria Symptoms in Hindi), मलेरिया के कारण और इसे ठीक करने के घरेलु इलाज। 

मलेरिया किसे कहते है?

Malaria in Hindi : मलेरिया वर्षा ऋतु में अधिक फैलने वाला एक बहुत ही भयानक रोग है। UNICEF के अनुसार पूरी दुनिया में लगभग 1000 से अधिक बच्‍चों की मृत्‍यु मलेरिया के कारण हो जाती है। 

कुछ समय पहले Malaria को उपरी हवा का असर माना जाता था। इसीलिए Mal यानि बुरी aria यानि हवा, इन दो शब्‍दों को मिलाकर इसे Malaria नाम दिया गया था।

मलेरिया के लक्षण मच्छर काटने के कुछ दिनों के बाद ही नजर में आ सकते है। 5 वर्ष की कम आयु के बच्चों में लक्षण ज्यादा गंभीर होते हैं।

मलेरिया Anopheles मादा मच्छर के काटने से होता है। ये मच्छर Plasmodium नामक जीवाणु को शरीर में पहुँचाते है। आमतौर पर ये मच्छर सुबह और शाम के वक्त ही काटते है। दिन के वक्‍त ये मच्‍छर निष्क्रिय हो जाते हैं, लेकिन डेंगू और चिकनगुनिया का मच्छर दिन के समय काटता है।

ये भी पढ़े : स्तन कैंसर (Breast Cancer) : प्रकार, लक्षण, जांच एंव बचाव के टिप्स

मलेरिया कैसे होता है?

मादा-एनोफिलिस संक्रमित मच्छर किसी व्‍यक्ति को काटता है तब मलेरिया होता है। मादा-एनोफिलिस मच्‍छर ही Malaria को फैला सकता है। जब मच्छर किसी संक्रमित व्यक्ति को काटता है तो निकले खून में परजीवी होते हैं जिनसे मच्छर संक्रमित हो जाता है। जब ये मच्छर किसी स्वस्थ व्यक्ति को काटता है तो वह व्यक्ति भी संक्रमित हो जाता है। मनुष्यों को प्रभावित करने वाले प्लासमोडियम परजीवी की पाँच प्रजातियाँ होती हैं।

  1. फेल्सिपेरम
  2. वाईवेक्स
  3. मलेरी
  4. ओवेल
  5. नोलेसी।

मलेरिया के लक्षण | Malaria Symptoms in Hindi

  • डेंगू और चिकनगुनिया की तरह ही Malaria भी मच्छर के काटने से होता है। अगर कोई मलेरिया से संक्रमित है तो उसका स्‍वाभाव कुछ चिड़चिड़ा हो जाता है।
  • मलेरिया से संक्रमित व्‍यक्ति को भूख कम लगती है।
  • Malaria से संक्रमित व्‍यक्ति को अच्‍छी प्रकार से नींद नही आती है।
  • Malaria से संक्रमित होने पर ठंड ज्‍यादा लगती है और उसके बाद में तेज बुखार आ जाता है।
  • मलेरिया के कारण उल्‍टी होना, चक्‍कर आना इसके प्रमुख लक्षण है।
  • मलेरिया बुखार 105 डिग्री या उससे भी अधिक तक भी हो सकता है और जब बुखार उतरता है तो शरीर का तापमान तेजी से सामान्य होने लगता है।
  • मलेरिया बुखार जब उतरता है तो बहुत ज्‍यादा पसीना हो जाता है।
  • मलेरिया बुखार में कभी-कभी पेट और पीठ दर्द भी हो सकता है।
  • मलेरिया वायरस से किडनी भी प्रभावित होती है जिससे मूत्र का आना कम हो जाता है आदि।

मलेरिया के लंबे समय तक रहने वाले लक्षण

रोगी पर मलेरिया का दीर्धकालीन प्रभाव व्यक्ति की प्रतिरक्षा क्षमता पर भी निर्भर करता है। यदि रोगी की मलेरिया संक्रमण के दौरान सही तरह से देखभाल होती है तो वह Malaria के दुष्प्रयभावों से अपने आपको बचा भी सकता है।

  • मलेरिया से लंबे समय तक रहने वाले प्रभावों में सबसे अधिक शरीर में कमजोरी रहती है जो दूर होने में 3 से 6 महीने में का समय लेती है।
  • मलेरिया से लंबे समय तक रहने शरीर के अंगों में दर्द की शिकायत रहने लगती है।
  • मलेरिया के प्रभाव से सांस संबंधी बीमारियां होने का भी खतरा रहता है।
  • मलेरिया रोग के गंभीर हो जाने पर किडनी अपना काम करना बंद भी कर सकती है।
  • मलेरिया के कारण फेफड़े खराब हो सकते है।
  • मलेरिया के लम्‍बे समय तक रहने से लीवर फेल होने का भी खतरा हो जाता है।
  • मलेरिया संक्रमण के कारण शरीर में कमजोरी आने के साथ-साथ हर समय थकान महसूस होने लगती है।
  • शरीर में Hemoglobin की मात्रा कम हो सकती है।
  • मलेरिया के कारण पेट संबंधी रोग हो सकते है।
  • मलेरिया संक्रमण खूनी दस्त जैसे प्रभाव भी दिखाई पड़ सकते है।

मलेरिया मच्छरों के पनपने का कारण

मच्छरों के पैदा होने का कारण जगह-जगह गड्ढ़ो में, कूड़े-करकट और खराब पड़े टायरों, बर्तनों कूलर आदि में पानी इकट़्ठा होना है। इसलिए जरूरी है कि अपने आसपास पानी जमा न होने दें।

लगातार बारिश होने के कारण मौसम में नमी हो जाया करती है और बारिश के दौरान जगह-जगह पानी इकट्ठा हो जाता है। इसी कारण से यह Anopheles मच्छरों के प्रजनन का कारण बनती है।

एनोफिलिस मच्छर गंदगी, भींड़भाड, गंदे नाले, अंधेरी जगहों में प्रजनन करते है और ऐसी जगहों पर इनकी प्रजनन क्षमता बढ़ जाती है। लगातार मौसम के उतार-चढ़ाव से भी मलेरिया फैलने का खतरा बना रहता है। मौसम का यह बदलाव भी इन मच्‍छरों के लिए अनुकूल परिस्थितियां बनाता है।

ये भी पढ़े : डेंगू बुखार (Dengue) : लक्षण, घरेलू उपचार एंव रोकथाम के उपाय

मलेरिया का सबसे ज्‍यादा खतरा किसे है?

मादा-एनोफिलिस संक्रमित मच्छर प्लाज्मोडियम फाल्सीपेरम जीवाणु शरीर में फैलाता हैं। तब यह परजीवी जानलेवा मलेरिया फैलाते है साथ ही अनेक प्रकार की जानलेवा बीमारियों को भी जन्म देते हैं। Malaria परजीवी हर व्‍यक्ति पर अलग-अलग रूप में अपना प्रभाव डालते है। इन प्रभावों का असर मलेरिया से ग्रसित होने वाले रोगी की प्रतिरोधतक क्षमता पर निर्भर करता है।

  • Malaria का सबसे ज्‍यादा खतरा गर्भवती महिलाओं को होता है क्‍योंकि Malaria होने से नवजात शिशुओं का वजन कम हो सकता है और साथ ही मलेरिया बुखार के कारण नवजात शिशुओं को मानसिक बीमारी हो सकती है। इसके साथ ही संक्रमण का भी शिकार हो सकते हैं। मलेरिया के कारण नवजान शिशुओं को एनीमिया भी हो सकता है।
  • गर्भावस्था् के समय अगर मलेरिया संक्रमण का उपचार ठीक प्रकार से नही किया जाए तो इससे गर्भवती महिला का प्रसव बड़ी मुश्किल से होता है और नवजात की मृत्‍यू होने का खतरा बना रहता है।
  • मलेरिया बुखार के कारण गर्भपात भी हो सकता है या समय से पहले ही प्रसव हो सकता है।
  • नवजात शिशुओं से पांच वर्ष के बच्‍चों को मलेरिया का खतरा अधिक होता है।
  • जिनकी उम्र 60 वर्ष या इससे अधिक है और जिनको एड्स हो, जिनकी कीमोथै‍रेपी चल रही हो, जो महिलाऐं अपने नवजात शिशुओं को स्तंनपान कराती है। ऐसे लोगों के लिए मलेरिया जानलेवा हो सकता है।
  • मलेरिया के कारण किड़नी का खराब होना, लीवर का काम करना बन्‍द कर देना या शरीर का कोई भी अंग लकवाग्रस्त तक हो सकता है। इतना ही नहीं समय से इलाज न मिलने पर रोगी की मृत्‍यु भी हो जाती है।

मलेरिया फैलने के प्रमुख कारण

मलेरिया का इलाज करवाने से अच्‍छा है कि हम इस बीमारी को होने से रोके। क्‍योंकि Malaria एक गंभीर रोग है। यदि इसका सही समय पर इलाज न हो तो परिणाम गंभीर हो सकते हैं।

  • कूलर के पानी में मादा-एनोफिलिस मच्‍छर अपने अण्‍डो का प्रजनन करती है।
  • मच्छरों के पैदा होने का कारण जगह-जगह गड्ढ़ो में, कूड़े-करकट और खराब पड़े टायरों, बर्तनों कूलर आदि में पानी इकट़्ठा होना है।
  • बारिश के दौरान जगह-जगह पानी इकट्ठा हो जाता है जिससे इन मच्छरों के पनपने की आशंकायें भी लगातार बनी रहती हैं।

मलेरिया होने पर यह उपाय करे?

  • कुछ दिनों तक तेज़ बुखार आए तो रक्तजांच ज़रूर करायें।
  • Malaria जांच से पहले किसी भी प्रकार की दवा न खाए, खास तौर पर क्लोंरोक्वी की दवा।
  • बुखार होने पर बिना डॉक्‍टरी सलाह के को भी उपचार न करे।
  • तेज बुखार होने पर पैरासिटामाल लिया जा सकता है।
  • मलेरिया की पुष्टि होने पर तरल प्रदार्थ का प्रयोग अधिक करना चाहिए। जैसे संतरे का जूस और ताज़े फलों का सेवन जरूर करना चाहिए।
  • बुखार तेज होने पर मरीज़ को ठंडे पानी का सेंक करना चाहिए। गिली पट्टी को सर पर रखना चाहिए।

मलेरिया से बचने के कुछ घरेलू उपाय

  • सुबह खाली पेट तुलसी के 4 से 5 पत्तों को चबाकर खाने से मलेरिया बुखार ठीक होता है।
  • 10 ग्राम तुलसी के पत्ते, 7 काली मिर्च को पानी में पीसकर सुबह-शाम पीने से मलेरिया बुखार ठीक होता है।
  • सौंठ, पिसा धनिया को चूर्ण बराबर मात्रा में पानी के साथ लेने से भी मलेरिया बुखार में आराम मिलता है।
  • पिसी हुई काली मिर्च और नमक को नींबू में लगाकर चूसने से मलेरिया बुखार की गर्मी उतर जाती है।
  • मलेरिया के बुखार होने पर प्याज का रस बेहद फायदेमंद होता है।
  • 4 काली मिर्च का पाउडर, 4 मिली प्याज का रस मिलाकर दिन में 3 बार पीने से आराम मिलता है।
  • चिरायते का काढ़ा 1 कप दिन में 3 बार कुछ दिनों तक नियमित पीने से मलेरिया रोग में आराम मिलता है।
  • फलों का रस, दूध, दही, हल्‍का भोजन जो जल्दी पच जाए ऐसे चीजों का सेवन करना चाहिए।

ये भी पढ़े : कैंसर (Cancer) : प्रकार, लक्षण, कारण, स्टेज, उपाय एंव इलाज

मलेरिया से बचने के उपाय

मलेरिया से बचने का उपाय है मच्छरों से बचना। Malaria नियंत्रण के लिए सबसे पहले मच्छरों के प्रजनन पर नियंत्रण आवश्यक है। क्योंकि Malaria का फैलाव मच्छरों के प्रसार और मच्छरों का मनुष्य तक प्रसार पर निर्भर करता है।

  • घरों के आसपास गंदगी और पानी जमा न होने दे। क्‍योंकि अगर पानी जमा होगा तो उसमें मच्‍छर जरूर पैदा होंगे।
  • गंदे नालों को ढक कर रखें व समय-समय पर उनकी सफाई करवाते रहें। घर में कहीं भी व्यर्थ पानी जमा न होने दें।
  • गंदे नालों और घरों के आस-पास जमा पानी में केरोसिन या किटनाशक का प्रयोग करे‍। जिससे मच्‍छर न पैदा हो सके।
  • मलेरिया संक्रमण से बचने के लिए रात को सोते समय मच्छरदानी, मॉसकीटो ट़यूब, नेट का प्रयोग करे। साथ ही पूरी आस्तीन के कपड़े पहने।
  • मलेरिया के लक्षण दिखाई देने पर तुरंत डॉक्टर से संपर्क करें।
  • मलेरिया से प्रभावित जगहों पर जागरूकता फैलाएं और लोगों को Malaria से बचाव के उपाय बताएं।
  • ऐसी जगह पर जाने से बचे जहाँ झाड़ियाँ हों, क्योंकि वहाँ बहुत मच्छर होते हैं।

मलेरिया होने पर तुरन्‍त इलाज करवाएँ

मलेरिया का संक्रमण होते ही तुरन्‍त इलाज करवाना चाहिए। ऐसा नही करने शरीर में खून की कमी हो सकती है। और इलाज नही करवाने पर संक्रमित व्‍यक्ति की मृत्‍यू भी हो सकती है।

यदि हम मलेरिया को नियंत्रित और उसके दुष्प्रभावों से बचना चाहते है तो हमें मलेरिया संक्रमण के दौरान और उसके बाद भी समय-समय पर जांच करानी चाहिए और खाने-पीने की अच्छी तरह से देखभाल करनी चाहिए।

नोट- आपको यहां बताए गए मलेरिया के लक्षणों में किसी भी प्रकार का लक्षण दिखाई दे तो तुरन्‍त डॉक्‍टर से इलाज लेना चाहिए।

उम्‍मीद है Malaria in Hindi सम्‍बंधित ये पोस्‍ट आपके लिए उपयोगी व ज्ञानवर्धक रहा होगा। यदि आपको ये पोस्‍ट अच्‍छा लगा हो, तो अपने मित्रों के साथ Share कीजिए, Like कीजिए और Comment कीजिए।

 You May Also Like

Healthy Tips in Hindi

स्वस्थ रहने के लिए कुछ ख़ास सुझाव

वात रोग

वात रोग की सम्पूर्ण जानकारी और इसका घरेलू उपचार

Zincovit Syrup

Zincovit Syrup : उपयोग, साइड इफ़ेक्ट, सावधानी एंव कीमत

Cypon Syrup

Cypon Syrup in Hindi – लाभ, दुष्प्रभाव और सावधानियां

Baby Health Care

Baby Health Care: बेबी के पेट में बन जाए गैस, तो अपनाएं ये घरेलू नुस्खे

Health Tips for Women in Hindi

उम्र भर स्वस्थ और फिट रहना चाहती हैं तो अपनाएं ये कामयाब टिप्स

Vitamin C in Hindi

Vitamin C in Hindi : विटामिन सी के स्त्रोत और फायदे

स्किन लाइट क्रीम

स्किन लाइट क्रीम : उपयोग, साइड इफ़ेक्ट, सावधानियां और कीमत

Evecare Syrup

हिमालया इवकेयर (Evecare Syrup) : उपयोग, सावधानियां एंव दुष्प्रभाव

Leave a Comment

Categories

मेडिसिन
आहार

Be Healthy

मेडिसिन

About Us

Oye Zindagi ब्लॉग पर आपका हार्दिक स्वागत है, Oye Zindagi एक ऐसा ब्लॉग है जिस पर हेल्थ, लाइफ स्टाइल, फ़ूड, रेसिपी, ब्यूटी टिप्स, चाइल्ड हेल्थ केयर, विभिन्न एलोपेथिक, होम्योपैथिक और आयुर्वेदिक दवाईयों की जानकारी प्राप्त कर सकते है। 

Important Links

About Us
Contact Us
PrivacyPolicy
Disclaimer

Disclaimer

The content on this blog is for informational purposes only. Consult a qualified doctor before making decisions. We are not responsible for any actions taken based on this information. Your health decisions are your responsibility.

Share This