डेंगू बुखार एक वायरस जनित रोग है, जिसका समय रहते इलाज करना जरूरी है। इसलिए इसकी रोकथाम के लिए आपको पहले डेंगू के बारे में समस्त जानकारी चाहिए, डेंगू क्या है, डेंगू के लक्षण (Dengue Symptoms in Hindi), डेंगू का इलाज (Dengue Treatment in Hindi) और डेंगू बुखार रोकथाम के उपाय आदि।
Dengue एडीज इजिप्टी नामक मच्छर की प्रजाति के काटने से होता है। इस मच्छर के काटने पर वायरस तेजी से मरीज के शरीर में अपना असर दिखाता है, जिसके कारण तेज बुखार और सर दर्द जैसे लक्षण दिखाई देते है। डेंगू बुखार के कारण एक समय में अनेक प्रकार के वायरस शरीर मे सक्रिय हो सकते है।
Dengue एक तरह का वायरल रोग है जो की डेंगू वायरस द्वारा होता है। डेंगू कोई साधारण बीमारी नहीं है, अगर इसका इलाज करवाने में जड़ा सी देर हो जाये तो ये बीमारी जानलेवा हो सकती है। अगर डेंगू के लक्षण शुरुआत में हीं समझ आ जाएं तो इससे बचा जा सकता है।
डेंगू को ”हड्डी तोड़ बुखार” या Breakbone Fever भी कहते है, क्योंकि डेंगू से पीड़ित रोगी को हड्डियों में बहुत अधिक दर्द हो सकता है, जैसे उनकी हड्डियां टूट गयी हों।
वैसे Dengue बुखार कभी भी हो सकता है, लेकिन गर्मी और बारिश के मौसम में डेंगू बहुत ही तेजी से फैलता है। पूरी दुनिया में डेंगू वायरस से बचने के लिये कोई वैक्सीन नहीं है। डेंगू बुख़ार से बचने के लिये केवल कुछ उपाय ही किए जा सकते हैं।
डेंगू वायरस क्या है?
डेंगू वायरस तीन प्रकार के होते हैं। यदि किसी व्यक्ति को इनमें से किसी एक प्रकार के वायरस का संक्रमण हो जाये तो आमतौर पर उसके पूरे जीवन में वह उस प्रकार के डेंगू वायरस से सुरक्षित रहता है। लेकिन अन्य दो प्रकारों से वह कुछ समय के लिये ही सुरक्षित रहता है।
डेंगू के कारण रोगी के रक्त में Platelets की संख्या तेजी से घटती है जिसके कारण कई बार जान जाने का खतरा भी हो जाता है। डेंगू में 24 घंटे में 50 हजार से एक लाख तक Platelets तक गिर सकते हैं। अगर Platelets गिरकर 20 हजार या उससे नीचे पहुंच जाएं तो Platelets चढ़ाने की जरूरत पड़ती है। डेंगू के कारण पूरी दुनिया मे लगभग 10 करोड़ लोग डेंगू के शिकार होते है।
ऐसा नहीं है की Dengue होने से मरीज की जान को खतरा बना ही रहता है। ज्यादातर मामलो में डेंगू (Dengue) मच्छर के काटने से या तो हल्का बुखार होता है या कोई फर्क नहीं पड़ता। डेंगू बुखार तीन तरह के होता है।
Classical Dengue Fever– क्लासिकल डेंगू (dengue) बुखार में से कभी किसी की जान नहीं जाती। ये साधारण इलाज़ से भी ठीक हो जाता है।
Dengue Hemorrhagic Fever (DHF)– डेंगू हॅमरेजिक बुखार में जान जाने का खतरा बना रहता है।
Dengue Shock Syndrome (DSS)– डेंगू शॉक सिंड्रोम बुखार में सही समय में इलाज़ न करने से जीवन का खतरा बहुत ही बढ़ सकता है। इसलिए समय पर इलाज लेना बहुत ही जरूरी है।
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डेंगू बुखार के लक्षण | Dengue Symptoms in Hindi
तो चलिए सबसे पहले जानते है कि ऐसे कौन कौन से लक्षण है जिन्हे पहचान कर डेंगू बुखार को सही समय रहते रोका जा सकता है। नीचे दिए गए सामान्य लक्षणों की मदद से आप आसानी से डेंगू की पहचान कर सकते है :
- डेंगू होने पर उल्टी होना, शरीर पर लाल दाने या लाल चक्ते निकल आते हैं।
- डेंगू के कारण शरीर में कमजोरी हो जाती है और चक्कर आते हैं।
- डेंगू बुखार के लक्षण आम बुखार से अलग होते हैं।
- डेंगू शॉक सिंड्रोम (DSS) के मरीजों में साधारण डेंगू बुखार और डेंगू हैमरेजिक बुखार के लक्षणें के साथ-साथ बेचैनी भी महसूस होती है।
- डेंगू हेमोरेजिक बुखार में इन लक्षणों के साथ ही प्लेटलेट्स भी कम हो जाया करती है। शरीर में कहीं से भी खून बहना शुरू हो सकता है, जैसे नाक से, दाँतों व मसूड़ों से, खून की उल्टी व मल में खून आना आदि।
- डेंगू बुखार के कारण शरीर में थकावट व कमजोरी, बहुत तेज बुखार आना और सिरदर्द, कमर, जोड़ों में दर्द होता है। हल्की खाँसी व गले में खराश भी हो सकती है।
कुछ अन्य लक्षण (Dengue Symptoms in Hindi) भी देखे जाते है जो इस प्रकार है :
- तेज ठंडी लगकर बुखार आना
- सर में दर्द होना
- आँखों में दर्द होना
- शरीर में दर्द और जोड़ों में दर्द होना
- भूक ना लगना
- जी मचलाना और उल्टी होना
- दस्त लगना
- चेहरे पर लाल चट्टे आना आदि
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डेंगू बुखार के घरेलू उपचार | Dengue Treatment in Hindi
अगर आप में डेंगू बुखार के लक्षण दिख रहे है तो नीचे दिए गए उपाय उपाय से हद तक इस बीमारी को रोका जा सकता है। डेंगू बुखार एक जानलेवा बुखार है। डेंगू बुखार धीरे-धीरे एक महामारी के रूप में फैल रहा है। हर साल बीमारी के चलते कई लोग अपनी जान गंवाते है। इसलिए आपको डेंगू होने पर नीचे दिए गए घरेलु उपचार (Dengue Treatment in Hindi) को अपनाना चाहिए और साथ ही डॉक्टर से दवाई भी लेना चाहिए :
बकरी का दूध – डेंगू बुखार के लिए बकरी (goat) का दूध (milk) रामबाण की तरह काम करता है। बकरियां ज्यादातर medicinal plants को ही अपना आहार बनाती हैं जिसकी वजह से उनके दूध में से भी उसकी smell आती है। दूध के इसी smell के कारण ये डेंगू के लिए फायदेमंद होता है। इसलिए डेंगू के मरीज को कच्चा दूध पीना चाहिए।
गिलोय बेल की डंडी – यह एक अचूक उपाय है, गिलोय बेल की डंडी के टुकड़े कर के उसे 2 गिलास पानी में 30 मिनट तक boil कर लें। अब इस पानी को ठंडा कर के डेंगू के मरीज को पिलायें। इसे पीते हीं 40 से 45 मिनट के बाद Platelet की संख्या बढ़ना शुरू हो जाती है।
पपीते की पत्ती- पपीते की पत्तियां, डेंगू के बुखार के लिए सबसे असरकारी दवा कही जाती है। पपीते की पत्तियों में मौजूद पपेन एंजाइम शरीर की पाचन शक्ति को ठीक करता है, साथ ही शरीर में प्राटीन को घोलने का काम करता है। इस जूस से प्लेटलेट्स की मात्रा तेजी से बढ़ती है। पपीता के ताजे पत्ते का जूस निकाल कर एक एक चम्मच करके डेंगू के मरीज को दिन में 2-3 बार देना चाहिए। इसके 1 दिन के खुराक से ही Platelet की संख्या बढ़ने लगती है।
अदरक और इलायची – आयुर्वेद के मुताबिक कहा जाता है कि अदरक और इलायची बुखार में आराम पहुंचाते हैं। इसलिए जब डेंगू के मरीज को बहुत तेज बुखार हो तो उन्हें चाय में अदरक और इलायची मिलाकर के पिलाना चाहिए इससे बुखार कम हो जायेगा।
धनिया पत्ती- डेंगू के बुखार से राहत के लिए धनिया पत्ती के जूस को Tonic के रूप में पिया जा सकता है। यह बुखार को कम करता है।
आंवला- आंवला में विटामिन सी की उच्च मात्रा होती है जिससे कि शरीर में एब्जॉर्ब करने की क्षमता बढ़ती है। इससे शरीर ज्यादा लौह तत्व एब्जॉर्ब कर पाता है जो कि डेंगू के बुखार को ठीक करने के लिए जरूरी है।
तुलसी- तुलसी के पत्तों को गरम पानी में उबालकर और छानकर डेंगू रोगी को पीने को दें। तुलसी की चाय डेंगू रोगी को बेहद आराम पहुंचाती है। यह चाय दिनभर में तीन से चार बार ली जा सकती है।
चिरायता- चिरायता में बुखार को ठीक करने के गुण होते हैं। डेंगू के बुखार को भी चिरायता के इस्तेमाल से ठीक किया जा सकता है।
मेथी के पत्ते- मेथी के पत्तों को पानी में उबालकर हर्बल चाय के रूप में इसका पयोग किया जा सकता है। मेथी से शरीर के विषाक्त पदार्थ बाहर निकल जाते हैं जिससे डेंगू के वायरस भी खत्म होते हैं।
काले अंगूर- डेंगू बुखार में रक्त की कमी को पूरा करने और प्लेटलेट्स के स्तर को बढ़ाने के लिए काले अंगूर का रस पीना चाहिए।
अदरक और किश्मिश – यह एक आसन उपाय है, अदरक और किशमिश को boil कर के इसका काढ़ा तैयार कर लें और फिर इस काढ़ा को डेंगू के मरीज को पिलाएं इससे उन्हें लाभ होगा।
सेब का रस – अगर डेंगू के रोगी को बार-बार उल्टी हो रही हो तो उसे सेब के रस में थोड़ा सा निम्बू के रस को मिलाकर के पिलाना चाहिए इससे उल्टी होना बंद हो जायेगी।
अनार का जूस – डेंगू के मरीज के लिए अनार का जूस बहुत हीं गुणकारी होता है। ये रोगी के शरीर में नया खून बनाने में तथा मरीज को बीमारी से लड़ने की ताकत देता है।
गेहूं घास का रस – डेंगू के मरीज को गेहूं घास का रस भी दिया जाता है ये भी उनके शरीर में नए खून की रचना करके उन्हें बीमारी से लड़ने की ताकत देता है।
संतरे का जूस- डेंगू बुखार में खूब संतरे खाने चाहिए या संतरे का जूस पीना चाहिये। संतरे में एनर्जी और खूब सारा Vitamin C होता है। यह पाचन क्रिया मजबूत बनाता है और शरीर में Antibody का विकास करता है जिससे बुखार जल्द ठीक हो जाता है।
एलोवेरा – डेंगू में Platelet की संख्या को बढ़ाने के लिए एलोवेरा का जूस पीना चाहिए इससे शरीर में एमिनो एसिड की कमी दूर होती है।
हल्दी – डेंगू के मरीज को हल्दी का सेवन ज्यादा से ज्यादा करना चाहिए। हल्दी को किसी भी तरह से उपयोग किया जा सकता हे या तो खाने में या तो दूध में। इससे रोग प्रतिरोधक शक्ति बढ़ती है।
डेंगू बुखार रोकथाम के उपाय / How to prevent Dengue Fever
डेंगू बुखार, एडीज इजिप्टी नामक मच्छर के काटने से होता है। Dengue के मच्छर साफ़ पानी में ही पनपते है। जैसे छत पर लगी पानी की टंकी, घडों और बाल्टियों में जमा पीने का पानी, कूलर का पानी, गमलो में जमा पानी आदि। वही दूसरी ओर मलेरिया के मच्छर हमेशा गंदे पानी में पैदा होते है। डेंगू के मच्छर दिन के समय ही काटते है।
अगर आप चाहते है कि आप डेंगू जैसे खतरनाक बीमारी का शिकार ना बने तो आपको सबसे पहले Dengue मच्छरो को पनपने से रोकना होगा। इसके लिए आप निचे दिए गए कुछ टिप्स को अपनाना होगा :-
- खाली बर्तनों को हमेशा उल्टा करके ही रखें।
- पक्षियों के खाने एंव पीने के बर्तनों को हमेशा साफ सुथरा रखे।
- अगर आपके घर में कूलर है तो उसके पानी को प्रत्येक दो या तीन दिन बाद अवश्य बदलना चाहिए।
- अगर आपके घर में कोई होदी या पानी का टैंकर है तो उसके पानी को साफ़ रखने के लिए क्लोरीन की दो चार गोलियां डालनी चाहिए।
- आपके घर के आस- पास या ऊपर छत पर बेकार पड़े टायर, खाली डिब्बे, ट्यूब, टूटे हुए मटके, आदि में बरसात का पानी इकठ्ठा न होने दें, जिससे मच्छर पैदा होने की संभावना बढ़ जाती है।
- किसी भी पार्क या अन्य जगह पर हमेशा पूरी बाजू के कपड़े पहन जाए अगर आपको लगता है कि मच्छरों के काटने का खतरा है।
- घर के पास नीम का पेड़ लगाने से डेंगू मच्छर घर के अंदर नहीं आते है।
- घर में अगर swimming pool है तो उसका का पानी हर सप्ताह बदलते रहना चाहिए।
- घर के सभी और दरबाजे और खिड़की में जालियां (net) लगा होना चाहिए ताकि मच्छर घर के अंदर घुस न सके।
- मच्छरों के काटने से बचने के लिए आप क्रीम, मच्छरदानी और अन्य उपायों का उपयोग कर सकते है।
डेंगू बुखार के कारण हमारे शरीर में Platelets कम हो जाता है, जिसके कारण कभी-कभी Platelets चढ़ाने की जरूरत पड़ती है।डेंगू के कारण पूरी दुनिया मे लगभग 10 करोड़ लोग डेंगू के शिकार होते है।
Platelets कम हो जाने के कारण बुखार होना, पेट की गड़बड़ी, उल्टी, दस्त हो जाता है। साथ ही लीवर अपना काम ठीक से नहीं कर पाता है। लेकिन हम अगर थोड़ी सी सावधानी रखे तो डेंगू जैसी बीमारी से बच सकते है। डेंगू की रोकथाम के लिए जरुरी है कि डेंगू के मच्छरों के काटने से बचे और इन मच्छरों के फैलने पर नियंत्रण रखा जाए।
Dengue वायरस से जल्द निजात पाने के लिए इसके लक्षणों को पहचान कर सही समय पर Doctor की सलाह लेंना चाहिए। Dengue होने पर सही समय पर उसका उपचार न किया जाए तो यह जानलेवा हो सकता है। डेंगू का सही समय पर सही उपचार न मिले तो Dengue Hemorrhagic Fever हो सकता है, जो कि जानलेवा है।
सूचना: उपरोक्त जानकारियां सामान्य श्रेणी की हैं। उचित परामर्श के लिए विशेषज्ञ से सलाह अवश्य लेंना चाहिए। इस लेख में डेंगू क्या है, डेंगू के लक्षण (Dengue Symptoms in Hindi), डेंगू का इलाज (Dengue Treatment in Hindi) और डेंगू बुखार रोकथाम के उपाय के बारे में बताने की कोशिश की गई है, हालांकि ये उपाय विशेषज्ञों की सलाह पर ही हैं, लेकिन डेंगू की स्थिति में जल्द से जल्द डॉक्टरी मदद भी लेना बहुत ही जरूरी है।
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