शतावरी वास्तव में एक गुणकारी औषधीय पौधा है और शतावरी के बहुत सारे फायदे हैं। इसकी जड़ (जड़ी-बूटी), पत्तियाँ और बीजों को पीसकर उपयोग करने से कई लाभ होते हैं। आयुर्वेद में शतावरी को एक विशेष औषधीय पौधा माना जाता है।
शतावरी का वनस्पतिक नाम Asparagus Racemosus है। शतावरी का प्रजाति मुख्य रूप से हिमालय के पहाड़ियों में पाया जाता है, इसके अलावा यह नेपाल और श्रीलंका में भी पाया जाता है।
शतावरी क्या होता है?
यह एक प्रकार का पौधा होता है जिसकी लम्बाई लगभग 2 मीटर तक होती है, ये पौधा झाडीनुमा होता है। आज शतावरी की खेती भारत कई राज्यों में की जाती है | लोग इसका खेती दवा निर्माण के लिए करते है।
शतावरी में कई प्रकार के औषधीय गुण पाए जाते है, जिसके कारण इसका इस्तेमाल आयुर्वेद में रोगों का इलाज के क्रम किया जाता है | रोग के इलाज के लिए शतावरी के जड़ और पत्ती का इस्तेमाल बड़े जोरो से किया जाता है।
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इसके जड़ मुख्यतः दवा बनाने में इस्तेमाल किया जाता है। बल्कि पत्तियों का इस्तेमाल home remedies के लिए किया जाता है | शतावरी के जड़ो में मुख्यत निचे बतलाये गए चीजे पाई जाती है जो की हमारे body के लिए काफी लाभदयक होती है:
- Protein (प्रोटीन)
- Fat (वसा)
- Carbohydrates (कार्बोहाइड्रेट)
- Vitamins (विटामिन)
- Alkaloid (अल्कालॉयड)
- Potassium (पोटैशियम)
- Zinc (जिंक)
अब आपको Shatavari roots में पाए जाने वाले चीजों के बारे में जानकारी ज्ञात है। यह सभी पाए जाने वाले elements है जो हमारे शरिर को स्वस्थ बनाए रखने में अपना अहम् भूमिका निभाता है।
शतावरी के फायदे / Shatavari Benefits in Hindi
शतावरी हमारी शरिर को कई प्रकार के गंभीर बीमारियों से दूर रखता है एवं उनसे लड़ने के लियो तैयार करता है। तो आइये आज जानते है आखिर वो कौन से बीमारियाँ है जिनसे यह शतावरी पौधे के द्वारा ठीक किया जा सकता है:
कैंसर
शतावरी में Antioxidant की मौजूदगी प्रचुर मात्रा में होती है, यह तत्व कैंसर रोधी होता है जिसके कारण कैंसर रोग हमारे शरिर में हावी नहीं होता है। इसमे Histone नाम का protein की उपस्थिति प्रचुर मात्रा में होती है जो हमारे शरिर में कैंसर के द्वरान महत्वपूर्ण यौग्दान देता है। अगर आपको शंका है तो आप कैंसर के लक्षणों को पहचान कर इसका इलाज करवा सकते हैं।
खासी
अगर आपके गले में कफ जम (cough) गया हो या आप खांसी से परेशान है तो ऐसे में शतावर के रस में बराबर मात्र में अडूसे के रस के साथ मिश्री को मिलाकर इसका सेवन सेवन करने से कफ और खांसी दोनों से आराम मिलता है।
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शक्तिवर्धक
अगर आपको खुद में कमजोडी महसूस कर रहे है तो एक चम्मच शतावर के चूर्ण को दूध में मिलकर सेवन करे इससे आपके शरिर में शक्ति का संचार होगा और आप frees महसूस करेंगे।
अनिद्रा
अक्सर लोगो में यह बीमारी पाई जाती है की उन्ही नींद कम आती है, अगर आपको भी यह समस्या होती है तो रोजाना दूध में 10 ग्राम शतावरी के चूर्ण के साथ घी मिलकर सोने से पहले इससे आपको नींद नहीं आने की समस्या दूर हो जाएगी।
सिरदर्द
अगर आपके सर में दर्द रहता हो या आप माइग्रेन से प्रभावित है तो शतावरी के रस में बराबर मात्रा में टिल का तेल मिलाकर सर में लगाए इससे सर का दर्द ठीक हो जाएगा।
खुनी दस्त
शतावरी के रस का नियमित सेवन करने से दस्त के साथ खून आने की समस्या जल्द ठीक हो जाएगी।
डायबिटीज
शतावरी के जड़ का चूर्ण नियमित तौर पर दूध के साथ लेने पर diabetes जैसे रोगों से जल्द निजात पाया जा सकता है।
Note : शतावरी का नियमित इस्तेमाल से ऊपर दिए गये इलाज के अलावा स्त्री संबंधित कई बीमारियों के साथ साथ हैजा, टाइफाइड बुखार, ई.कोलाई को ठीक किया जा सकता है। इसके साथ शतावरी का इस्तेमाल हमारे सौन्दर्य निखार में काफी कारगर शिद्ध हुआ है।
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