स्तन कैंसर (Breast Cancer) या अन्य कैंसर की कल्पना होते ही एक छवि उभरती है… कष्टदायक मौत, किसी को कैंसर होने के खबर से ही रोगी को जीवन के प्रति घोर निराशा हो जाती है। विश्व स्वास्थ्य संगठन के अनुसार बच्चे न पैदा करना या अधिक उम्र में शिशु का होना स्तन कैंसर का कारण हो सकता है।
लोगो का ऐसा मानना है कि स्तन कैंसर केवल महिलाओं को ही होता है लेकिन ये पूरा सत्य नहीं है। स्तन कैंसर केवल महिलाओं को ही नहीं बल्कि पुरूषों को भी हो सकता है, लेकिन पुरूषों में Breast Cancer के बहुत ही कम केस पाए गए है, लगभग ना के बराबर।
Breast Cancer महिलाओं में होने वाला सबसे सामान्य कैंसर है। आमतौर पर Breast Cancer अधिक उम्र की महिलाओं को होता है, लेकिन वर्तमान समय में यह कम उम्र की महिलाओं में भी देखा जा रहा है।
स्तन कैंसर (Breast Cancer) रहते इलाज के लिए पहले हमें इसकी सही जानकारी होनी चाहिए, जिससे समय पर इसकी जांच की जा सके और उपचार क्या जा सके। इसलिए आज हम इस लेख में जानेंगे कि स्तन कैंसर क्या है (What is Breast Cancer in Hindi), स्तन कैंसर के लक्षण (Breast Cancer Symptoms in Hindi), स्तन कैंसर का इलाज (Breast Cancer Treatment in Hindi) एंव स्तन कैंसर से जुडी अन्य जानकारी।
स्तन कैंसर क्या है | Breast Cancer Kya Hai
हमारे शरीर में हमेशा कोशिकाओं की संख्या Increase और Decrease होती रहती है, लेकिन शरीर के किसी अंग में होने वाली कोशिकाओं की अनियंत्रित वृद्धि कैंसर का प्रमुख कारण होती है। इसी तरह से स्तन कोशिकाओं में होने वाली Uncontrollable Growth, Breast Cancer का मुख्य कारण है। यह Cells में होने वाली लगातार Growth एक साथ इकट्ठे होकर Lump का रूप ले लेती है, जिसे Cancer Tumor कहते हैं।
पूरी दुनियां में पाए जाने वाले कैंसर में 23 प्रतिशत Breast Cancer है, और हर 34 में से 1 महिला में ये कैंसर पाया जाता सकता है।
जिन महिलाओं ने बच्चे को Breastfeeding न कराया हो, या फिर Hormone Drugs का ज्यादा समय तक उपयोग किया हो, उन्हे भी Breast Cancer की संभावना अधिक रहती है।
अगर किसी के परिवार में Breast Cancer Genetic है यानि परिवार के अन्य सदस्यों जैसे कि दादा-दादी, नाना-नानी आदि को भी Breast Cancer की शिकायत रही हो, तो ऐसे परिवार के लोगों को Breast Cancer की जाँच जरूर करवानी चाहिए।
स्तन कैंसर के प्रकार
ब्रैस्ट कैंसर कई तरह के होते है जो महिलाओं के साथ पुरुषों में भी हो सकता है, लेकिन पुरुषों में ये बहुत ही कम देखने के मिलता है।
आमतौर पर स्तन कैंसर दो तरह के होते है, हालंकि कुछ अन्य प्रकार भी है जिनके बारे में आपको नीचे बताया जायेगा :
1) इन्वेसिव (तेजी से फैलने वाला कैंसर) : 80% महिलाओं में इन्वेसिव ब्रैस्ट कैंसर होता है जो डक्ट वॉल के जरिए सीने की चर्बी तक पहुँचता हैं और ये बहुत तेजी से फैलने वाला ब्रैस्ट कैंसर है।
2) नॉन-इन्वेसिव (धीरे-धीरे फैलने वाला कैंसर) : नॉन-इन्वेसिव कैंसर के केस इन्वेसिव ब्रैस्ट कैंसर की तुलना में कम देखने को मिलते है जिसमें कैंसर की सेल्स टिश्यू की उत्पत्ति स्थान पर ही रहती है और आगे नहीं बढ़ती हैं।
इन दोनों ब्रैस्ट कैंसर के अलावा दो अन्य ब्रैस्ट कैंसर के प्रकार होते है, हालंकि वह 5% से भी कम महिलाओं में देखने को मिलते है।
3) इन्फ्लेमेटरी ब्रेस्ट कैंसर : इन्फ्लेमेटरी ब्रेस्ट कैंसर बहुत ही दुर्लभ होता है जिसे कभी – कभी ही देखा जाता है। इन्फ्लेमेटरी बहुत तेजी से फैलने वाला कैंसर है जिसमें महिलाओं को मौत का खतरा सबसे ज्यादा रहता है।
4) पेजेट्स डिजीज : इस तरह के कैंसर में महिलाओं के निप्पल का पूरा एरिया काला पड़ जाता है।
स्तन कैंसर के लक्षण | Breast Cancer Symptoms in Hindi
स्तन कैंसर शुरूआती अवस्था में Breast में गांठ का आकार चावल के समान होता है। महिलाओं को महीने में कम से कम एक बार अपने Breast की जाँच जरूर करनी चाहिए। शीशे के सामने खड़े होकर अपने हाथों को धीरे-धीरे स्तनों पर ऊपर से नीचे की तरफ लायें, कोई गांठ होगी तो आपको महसूस होगा। ऐसी गांठ भले हीं दर्दरहित हो लेकिन आपको Breast Cancer की जाँच करनी चाहिए। ये भी देखना चाहिए कि Breast में या उसकी बगल में अथवा कांख में किसी प्रकार की कोई गाँठ तो नहीं क्योंकि ये भी Breast Cancer की गांठ हो सकती है।
अगर आपके Breast की त्वचा अधिक कोमल या अधिक कठोर हो गई हो या उनमें झुनझुनाहट होती है, तो कैंसर की जांच करवा लेनी चाहिए।
निप्पल में बदलाव- अगर महिला के निप्पल का रंग बदल कर बहुत ज्यादा गहरा हो गया है, या फिर दाने निकल आए, निप्पल की दिशा बदल गई हो, निप्पलो में से तरल पदार्थ या खून निकल रहा हो, निप्पल में खुजली चलना या झुनझुनाहट होना Breast Cancer के लक्षण है। हाँलाकि कभी-कभी ऐसा दूसरे कारणों से भी हो सकता है।
सीने में दर्द – अगर महिला के स्तनों में असामान्य दर्द रहता है, तो इसे भी कैंसर के एक लक्षण के रूप में देखा जा सकता है।
बुखार – कई बार किसी कारणवश बुखार आ गया है और बुखार जल्दी से नहीं जा रहा है, या बार-बार बुखार आ जाता हो, यह भी कैंसर का लक्षण हो सकता है।
सीने की त्वचा में असामान्य घाव- किसी महिला के Breast की त्वचा में कोई असामान्य घाव, बांह में दर्द रहना, हड्डियों में दर्द रहना भी Breast Cancer होने का संकेत हो सकता है।
बजन कम होना – बिना कोई व्यायाम किए या बिना अपनी खुराक में कमी किए बजन कम हो रहा हो, तो यह भी गंभीर बीमारी Breast Cancer का संकेत हो सकता है।
Breastfeeding – कई महिलाए शिशुरूप में किसी कारण वश Breastfeeding न कर पाए, तो उनमें भी यह कैंसर होने कि सम्भावना रहती है, क्योंकि शिशु अवस्था में Breastfeeding ही सर्वोतम आहार है, जिससे शिशु को रोगो से लड़ने कि ताकत मिलती।
साथ ही जो महिलाए शराब, ध्रुमपान और मैदे से बने व्यंजन का ज्यादा Consumption करती है, मोटी होती हैं, जिन्होंने अपने शिशु को कम समय तक दूध पिलाया हो, जिनकी कम उम्र में माहवारी शुरू हो गई हो, ऐसी महिलाओं को भी Breast Cancer होने की सम्भावना ज्यादा होती है।
रेडिएशन – जिन महिलाओं का ज्यादा सीटी स्कैन या एक्स रे स्कैन किया जाता है, उन्हे भी रेडिएशन के कारण यह कैंसर हो सकता है।
ब्रेस्ट कैंसर कितनी स्टेज में होता हैं?
ब्रैस्ट कैंसर कितने तरह के होते है इसके बारे में आप पहले ही पढ़ चुके है कई कैंसर ट्यूमर के आकार के आधार पर विभिन्न तरह के होते है जिनको निम्न स्टेज में वर्गीकृत किया गया है :
स्टेज 0 : इस स्टेज में महिलाओं में कैंसर सेल्स सीने के डक्ट तक ही सीमित रहती है और डक्ट के बाहर नहीं फैलती है, इसके अलावा ये सेल्स स्तन के बाकी हिस्सों में भी नहीं फैलती है।
स्टेज 1 : इस स्टेज में कैंसर 2 सेंटीमीटर तक ही चौड़ा रहता है और इससे लिम्फ नोड्स में भी कोई नुकसान नहीं होता है। इस स्टेज में कैंसर सेल्स धीरे – धीरे बढ़ना शुरू कर देती है जिससे सही सेल्स भी प्रभावित होना शुरू हो जाती है हालंकि इन सेल्स का आकार 0.2 मिमी से 2 मिमी के बीच रहता है लेकिन कुछ मामलो में ये 2 मिमी से भी बड़ा हो सकता है।
स्टेज 2 : इस स्टेज में स्तन कैंसर आकार लेना शुरू कर देता है यानि अन्य हिस्सों में फैलना शुरु हो जाता है।
स्टेज 3 : स्तन कैंसर की यह स्टेज बहुत ही सीरियस मानी जाती है इसमें कैंसर हड्डियों, बाहों के नीचे 9 से 10 लिंफ नोड में एंव कॉलर बोन में भी फैलता है इसके साथ ही धीरे – धीरे शरीर के अन्य हिस्सों में भी फैलना शुरू हो जाता है।
स्टेज 4 : स्तन कैंसर की इस स्टेज में ट्यूमर एक विशाल आकार ले चूका होता है और फिर इसकी कैंसर कोशिकाएं लिवर, गुर्दे, हड्डी, और दिमाग तक भी फैल सकती है।
स्तन कैंसर की जांच कैसे की जाती है?
ब्रेस्ट कैंसर की जांच एक डॉक्टर विभिन्न तरीको से कर सकता है, इसलिए हम यहां आपको सिर्फ वही तरीके बताने जा रहे है जो ब्रैस्ट कैंसर की जांच में सबसे ज्यादा उपयोग किए जाते है। नीचे दिए किसी भी तरीके से आपका डॉक्टर ब्रैस्ट कैंसर की जांच करने की सलाह दे सकता है: मैमोग्राम : मैमोग्राम एक इमेजिंग टेस्ट है जिसका उपयोग 40 वर्ष से ऊपर की महिलाओं में स्तन कैंसर की जांच करने के लिए उपयोग किया जाता है।
अल्ट्रासाउंड : अल्ट्रासाउंड परीक्षण आपके डॉक्टर को समझने में मदद करता है कि आपमें ब्रैस्ट कैंसर है या नहीं। बायोप्सी : यह एक ऐसा तरीका है जिसका इस्तेमाल तब किया जाता है जब मैमोग्राम या अल्ट्रासाउंड से स्तन कैंसर की जांच नहीं हो पाती है। इस प्रक्रिया में कैंसर से प्रभावित क्षेत्र से ऊतक के नमूनों को सुई के साथ या चीरा के माध्यम से लिया जाता है और उन्हें प्रयोगशाला में जांच के लिए भेज दिया जाता है।
ब्रेस्ट कैंसर से बचाव कैसे करे?
यदि उपरोक्तानुसार बताए गए लक्षणों में से कई लक्षण किसी महिला में दिखाई पड़ रहे हों तो उसे निश्चित ही किसी अच्छे डॉक्टर से सम्पर्क करना चाहिए।
साथ ही महिलाओं को 40 वर्ष की आयु में आते ही मैमोग्राम टेस्ट साल में एक बार जरूर करवाना चाहिए, और जिनके परिवार में ब्रैस्ट कैंसर का जेनेटिक इतिहास रहा हो, उनको छोटी उम्र में ही यह टेस्ट करना चाहिए क्याेंकि उन परिवारों में इस बीमारी के होने की सम्भावना अन्य परिवारों की तुलना में ज्यादा होती है।
मैमोग्राम टेस्ट कोई बहुत बड़ा और महंगा टेस्टt नहीं होता है बल्कि ब्रैस्ट का केवल X-ray होता है।
आयुर्वेदा इलाज के अनुसार Breast Cancer से बचने के लिए महिलाओं को दूध और दही का अधिक सेवन करना चाहिए, क्योकि इनमें विटामिन डी होता है, जो Breast Cancer की सेल्स को बढ़ने से रोकता है। साथ ही इन महिलाओं का प्रतिदिन धूप का सेवन अधिक करना चाहिए जो कि Vitamin D का एक फ्री व सबसे ज्यादा उपयोगी माध्यम है।
ग्रीन टी में Anti-Inflammatory गुण होता है, और ब्लैक टी में Epi Gallo Catechins Gallet नामक रसायन होता, जो Tumors की Cells को बढ़ने से रोकता है। साथ ही खट्टे फलों का भी सेवन करना चाहिए क्योकि इनमें Phytochemicals होता है, जिससे कैंसर की सेल्स को विकसित होने से रोकने में मदद मिलती है।
सेब, अंगूर, आड़ू, नाशपाती, केला इनके सेवन से भी Breast Cancer से कुछ हद तक बचा जा सकता है।
********************************************
नोट : यह लेख केवल Breast Cancer से सम्बंधित है ताकि यदि आपको इस पोस्ट में बताए गए लक्षणों में से एक या अधिक लक्षण प्रतीत हों, तो आप समय रहते चिकित्सक से सम्पर्क कर सकें क्योंकि किसी भी Cancer की कई Stages होती हैं और यदि Patient इस बीमारी को इसके पहले Stage में ही जान ले, तो मात्र दवाईयों के माध्यम से ही इसका ईलाज सम्भव है।
जी हां, Cancer लाईलाज नहीं है बशर्ते कि उसे उसके पहले Stage में ही Identify कर लिया गया हो।
उम्मीद है Breast Cancer से सम्बंधित ये पोस्ट आपके लिए उपयोगी व ज्ञानवर्धक रही होगी। यदि आपको ये पोस्ट अच्छा लगा हो, तो अपने मित्रों के साथ Share कीजिए, Like कीजिए और कमेंट कीजिए।
Leave a Comment